

घुड़सवारी नहीं की तो नैनीताल घूमना अधूरा
जिगर और सिंघम कर रहे हैं आपका इंतजार,
ठंड में दे रहे हैं गुड अजवाइन और सरसों का तेल








नैनीताल। अगर आप नैनीताल में घूमने के मकसद के साथ आए हैं तो जीवनदायिनी नैनी झील में नौका विहार के साथ ही बारापत्थर क्षेत्र में घुड़सवारी का आनंद लेना कभी ना भूले क्योंकि वहां पर जिगर और सिंघम आपका इंतजार कर रहे हैं।
अब आप कहेंगे कि जिगर और सिंघम हैं कौन?
जिगर और सिंघम और कोई नहीं इसमें बैठकर आप घुड़सवारी का आनंद ले सकते हैं।


घोड़ा चालक समिति के अध्यक्ष का घोड़े के बारे में बयान और पर्यटकों के बीच हुई बारापत्थर क्षेत्र में कुछ शब्द बयां कर रहे हैं कि पर्यटकों को घुड़सवारी करने में कितना आनंद आता है इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है की पर्यटक नैनीताल घूमने आए हैं तो पर्यटको ने घुड़सवारी का आनंद नहीं किया तो पर्यटकों का अधूरा रहता है नैनीताल घूमना। यह शब्द घोड़ा चालक समिति के अध्यक्ष मोहम्मद उमर को पर्यटकों ने अपनी जुबान से बोलकर
उन्हें गदगद कर दिया। उमर बताते हैं कि जो भी पर्यटक घुड़सवारी के लिए बारापत्थर घोड़ा स्टैंड पहुंचते हैं उसके बाद पर्यटक घुड़सवारी का जंगलों के बीच से आनंद लेते हुए जाते हैं तो वह यह एक ही बात बोलते हैं की जब तक घुड़सवारी नहीं की तब तक हमें नैनीताल घूमना अधूरा लगा। उमर बताते हैं कि पर्यटकों को जिगर (काला) और सिंघम (सफेद) की जोड़ी खूब भाती है और पर्यटक जिगर और सिंघम घोड़ों की डिमांड करते हैं और घंटो भर इंतजार भी करते रहते हैं।
उमर ने बताया कि जिगर और सिंघम को वह 4 साल पहले राजस्थान में लगने वाले पुष्कर मेले से नैनीताल लाए थे। घोड़े दोनों ही सुंदर हैं एक काला है तो दूसरा सफेद रंग का इन घोड़ों को पर्यटक देखते ही इसी में घुड़सवारी का आनंद लेने के लिए डिमांड करते हैं और जब तक बारी नहीं आती है तो पर्यटक इंतजार भी करने को मजबूर रहता है। बताते हैं कि घोड़ों की सरसों के तेल से मालिश की जाती है जिससे घोड़े चमक और तेज दौड़े। ठंड में इन दिनों जिगर और सिंघम को गुड, अजवाइन और सरसों का तेल पिलाकर इनको ठंड से बचाया जाता है।
घोड़ा चालक सेवा समिति के अध्यक्ष उमर ने बताया कि पर्यटकों के लिए एक तो कोई भी शौचालय नहीं है ना ही बारिश के दौरान कोई ऐसा टिनशेट नहीं बनाया है जिससे बारिश में पर्यटक भीगने से बच सके। साथ ही घोड़ों के अस्तबल ही आज तक नहीं बने। उन्होंने बताया कि कई बार नगरपालिका व जिला प्रशासन को पत्र के माध्यम से मांग कर चुके हैं लेकिन आज तक हमारी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया गया है। उन्होंने जल्द ही शौचालय, टिन सेट और घोड़ों के अस्तबल को बनाए जाने की मांग की है।

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